
Vice President Shri Jagdeep Dhankhar stated that Samrat Vikramaditya, through his reign, brought honor not only to his era but also to the entire nation.
“His unparalleled contribution to the development of our cultural consciousness makes him an enduring ideal for rulers. He was deeply compassionate towards his people and taught monarchs how to serve their subjects,” said the Vice President while addressing the inauguration ceremony at Madhadas Park, located within the Red Fort complex in Delhi.
This three-day grand staging of the Samrat Vikramaditya drama, organized by the Madhya Pradesh government, was inaugurated with a ceremonial lamp-lighting by Vice President Shri Dhankhar and other dignitaries. The event, which began with the national anthem, is scheduled to run until April 14.
Adding to the significance of the celebration, on Sunday, April 13, the grand staging of the drama will have the honor of hosting the Union Minister for Health and Family Welfare as well as for Chemicals and Fertilizers, Shri JP Nadda, as the Chief Guest.
Vice President Shri Dhankhar emphasized that India’s cultural heritage serves as a prime example of how life can be both simple and graceful when imbued with Indian values.
Delhi Chief Minister Smt. Rekha Gupta expressed her gratitude to MP Chief Minister Mohan Yadav for providing the people of Delhi an opportunity to experience the character and valor of Samrat Vikramaditya up close.
CM Mohan Yadav, speaking on the occasion, described Samrat Vikramaditya’s reign as one of the most glorious epochs in Indian history.
Union Minister for Tourism and Culture, Shri Gajendra Singh Shekhawat, also commented on the event, stating that the organization of the Smrat Vikramaditya drama in Delhi not only revives the country’s history but also strengthens our cultural consciousness.
The event saw the presence of several prominent personalities including Madhya Pradesh Governor Shri Mangubhai Patel.
Over 250 artists, who are part of the grand drama, brought the life story of Samrat Vikramaditya to life through dynamic performances featuring palanquins, chariots, horses, and special effects using LED graphics.
Additionally, the event showcased an exhibition by the Maharaja Vikramaditya Research Center on “Coins and Seals from the Vikramaditya Era,” as well as an exhibition titled “Aarsh Bharat” focused on the legacy of Indian sage-scientists. Other displays included presentations by the Public Relations Department on “Madhya Pradesh’s Development and Achievements” and exhibits organized by the Tourism and Industries Department.
दिल्ली की शाम हुई मालवा की संस्कृति से मनोहारी, लाल किला परिसर में तीन दिवसीय सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन का हुआ शुभारंभ, 14 अप्रैल तक चलेगा महानाट्य का महामंचन, 250 कलाकार एक साथ कर रहे हैं अभिनय
उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा है कि सम्राट विक्रमादित्य ने अपने शासन से उस काल को और भारत को गौरवान्वित किया। हमारी सांस्कृतिक चेतना के विकास में सम्राट विक्रमादित्य का अतुल्य योगदान रहा। वे शासकों के लिए आज भी एक आदर्श हैं। वे बड़े प्रजा वत्सल थे। उन्होंने शासकों को सिखाया कि एक राजा को किस तरह अपनी प्रजा की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने अपने शासनकाल में कला संस्कृति, साहित्य और विज्ञान के संरक्षण और संवर्धन से भारत राष्ट्र को समृद्ध किया।
उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ शनिवार शाम को दिल्ली के लाल किला परिसर स्थित माधादास पार्क में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री धनखड़़ एवं अन्य अतिथियों ने इस तीन दिवसीय सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन आयोजन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन 14 अप्रैल तक लगातार जारी रहेगा। महामंचन की शुरुआत राष्ट्र गान से हुई।
श्री धनखड़़ ने कहा कि हमारी संस्कृति एक मिसाल है कि भारतीय जीवन मूल्यों के साथ जीवन कितना सहज और सरल हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीयता हमारी पहचान है और राष्ट्रवाद हमारा परम धर्म है। सम्राट विक्रमादित्य ने अपने शासनकाल में राष्ट्र के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया।
श्री धनखड़ ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिल्ली में किए जा रहे इस महा आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई और साधुवाद देते हुए कहा कि केंद्र एवं दिल्ली सरकार के साथ मिलकर यह सिलसिला आगे भी जारी रहना चाहिए।
धीरता, वीरता, संवेदनशीलता के प्रतीक थे सम्राट वीर विक्रमादित्य – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्राट वीर विक्रमादित्य के शासनकाल को भारतीय इतिहास का गौरवशाली काल बताते हुए कहा कि हमारी संस्कृति को सहेजने और संवारने में विक्रमादित्य का अमिट योगदान है। उन्होंने सिर्फ़ शासन को सुशासन की व्यवस्था में बदला। वे अदम्य साहस, धीरता, वीरता और संवेदनशीलता के प्रतीक थे। उन्होंने अपनी प्रजा को कर्जमुक्त किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति सदैव समृद्ध रही है और आगे भी रहेगी। हमारी संस्कृति मां गंगा की अविरल धारा की तरह सदैव अक्षुण्ण रहेगी। हमें अपने अतीत पर गर्व है और यह भावना हमें भावी पीढ़ी तक भी पहुंचानी है। देश की राजधानी दिल्ली में विक्रमादित्य महानाट्य के महामंचन के मूल में हमारी यही मंशा है।
सांस्कृतिक उत्कर्ष का सोपान था विक्रमादित्य का शासन – केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत
केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का आयोजन देश के इतिहास को जीवंत करने के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक चेतना को भी सशक्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य का शासनकाल भारत की सांस्कृतिक ऊंचाइयों का उत्कर्ष था। \वीर विक्रमादित्य के शासनकाल का मंचन एक नई धारा है, एक नया सोपान है, जिसका आगाज मध्यप्रदेश सरकार ने किया है। उन्होंने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
दिल्ली और मेरे लिए परम सौभाग्य की बात- सीएम श्रीमती गुप्ता
दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि डॉ. यादव ने दिल्ली की जनता को विक्रमादित्य के चरित्र और शौर्य से साक्षात्कार करने का अवसर दिया है। मेरा और दिल्ली का परम सौभाग्य है कि आज सम्राट विक्रमादित्य को और अधिक समझने का अवसर प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल सहित मध्यप्रदेश एवं दिल्ली सरकार के मंत्रीगण, विधायकगण तथा विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन के 250 से अधिक कलाकारों सहित बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश एवं दिल्ली के कलाप्रेमी और नागरिक उपस्थित थे।
14 अप्रैल तक चलेगा महानाट्य का महामंचन
रविवार 13 अप्रैल को आयोजित होने वाले महानाट्य के महामंचन में मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा शामिल होंगे। सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन 13 एवं 14 अप्रैल को भी होगा। इसमें 250 कलाकार सम्राट विक्रमादित्य की जीवन गाथा को जीवंत कर रहे हैं। इस महानाट्य के दृश्यों को सजीव बनाने के लिए पालकी, रथ, घोड़ों और एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट का प्रयोग किया जा रहा है।
कार्यक्रम में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा ‘विक्रमादित्यकालीन मुद्रा और मुद्रांक’ की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केंद्रित ‘आर्ष भारत’ प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। इसमें 100 से अधिक ऋषियों के जीवन और योगदान को प्रदर्शित किया जा रहा है। जनसम्पर्क विभाग द्वारा ‘मध्यप्रदेश का विकास एवं उपलब्धियां’ विषय पर और पर्यटन एवं उद्योग विभाग द्वारा भी प्रदर्शनियां भी यहां लगाई गई हैं।